Sunday, December 16, 2012

परमेश्वर की महिमा हो उससे ही सब आशीषें हैं

परिचयआपका स्वास्थय कितना जरूरी हैक्या आप हर सुबह जब उठते हैं अपने आप को तरोताजा देखना चाहते हैं?  यदि पैसा कोई पैमाना हैमैंने पढ़ा है कि केवल अमेरिका में दो खरब डालर (खरबअरब नहीं)  से ज्यादा  हमारे स्वास्थय पर खर्च किया जाता  हैक्या परमेश्वर हमारे स्वास्थय का ध्यान रखता हैक्या धार्मिकता एवं स्वास्थय में कोई सम्बन्ध हैक्या हमारा परमेश्वर के साथ  कोई करार है  कि स्वास्थय रहने के लिए हम भरसक प्रयास करेंगेचलो हम बाइबिल अध्यन में लगजाते हैं और देखते हैं कि बाइबिल स्वास्थय के बारे में क्या बताती है
1. प्रशंसा  के कारण 
A. पढ़े भजन संहिता 103:1. "भीतर सेपरमेश्वर की प्रशंसा  करो इसका क्या मतलब होता है? ( यह दिखावटी प्रशंसा  नहीं है.  यह परमेश्वर की प्रशंसा  बिलकुल भीतरी भाग से हैबिलकुल गहराई से.)
B. पढ़े भजन संहिता 103:2. मैंने अक्सर लोगों को यह कहते सुना है कि हमे परमेश्वर की प्रशंसा करने चाहिए "क्योंकि वो कौन है." भजन लेखक परमेश्वर की प्रशंसा करने के लिए कौन से अतरिक्त  कारण देता है? (वो हमे लाभ पहुंचाता हैयह तो प्रशंसा करने  का बिलकुल स्वार्थी कारण लगता हैलेकिन यह स्वाभाविक है(और आसानउसकी प्रशंसा करना जो हमारी सहायता करता है.)  
C. पढ़े भजन संहिता 103:3-5. स्तुति लेखक यहाँ क्या वर्णन कर रहा है? (पहले से चर्चित फायदे जो परमेश्वर हमे देता है!)
1. चलो इन फायदों की लिस्ट बनाते हैं. (पाप से माफ़ीरोगों का उपचारहमे गड्ढे  से बाहर निकालनाप्रेम एवं अनुकम्पा देनाहमारी इच्छायों  की पूर्ति अच्छी चीज़ों सेहमे योवन देना.) 
a. जैसे तुम इस लिस्ट को देखते होक्या  इन फायदों में से किसी का भी स्वास्थय से कुछ लेना देना है? (हाँहमे जवानी की अनुभूति कराना एवं बिमारिओं से छुटकारा दिलाना है.) 
b. क्या तुम इस बात को कोई महत्त्व देते हो कि जब लेखक हमारे फायदों की लिस्ट बना रहा था उसने सबसे पहले पापों की माफ़ी रखी उसके बाद रोगों से मुक्ती? (अनंत जीवन इस धरती के जीवन से ज्यादा ठीक है.) 
(1) चलो इन दो फायदों को देखते हैं
हमारे पापों की माफ़ी तथा हमारे रोगों से छुटकाराविस्तारपूर्वक.
II. पापों से माफ़ी के लिए प्रशंसा करो.
A. पढ़े 2 तिमुथियस 1:9. परमेश्वर ने हमे हमारे पापों से छुटकारा दिलाने का प्लान कब बनाया था? ( समय शुरू होने से पहलेहमारे अस्तित्व में आने से पहले.)
1. परमेश्वर ने जब हमारी रचना करी यह उसके बारे में क्या संकेत देता है? (उसने हमारी रचना इस ज्ञान के साथ करी थी कि हो सकता है कि  हम उसको अस्वीकार कर देंगे.) 
a. कल्पना करो कि तुम माँ अथवा पिता हो और तुम्हरे बच्चे ने तुम्हे अस्वीकार कर दिया हैयदि तुम समय पीछे कर सकते थे और इस बच्चे को पैदा नहीं होने देतेक्या तुम ऐसा करते? (जो माता पिता यह कहते, "कि मै इस बच्चे कि अभिलाषा रखता हूँ"   असाधारण  प्रेम दिखाना हैहमारे परमेश्वर हमारे लिए वोही असाधारण प्रेम दिखाया है.) 
B. पढ़े इफिसियों 2:8-10.  क्या हम इस योग्य हैं कि हमारे पापों की माफ़ी हो तथा हमे  अनंत जीवन  मिले?  (नहींयह तो परमेश्वर की तरफ से उपहार हैना कि हमारे कार्यों का परिणामहालाँकिहमारी रचना अच्छे कार्य करने के लिए हुई है.)
C. अब हम समझ सकते हैं कि क्यों गीतकार भजन 103:3 में परमेश्वर की प्रशंसा हमारे पापों की माफ़ी के लिए करता है
III. परमेश्वर की प्रशंसा करे कि उसने हमे बिमारियों से छुटकारा दिलाया तथा किशोरावस्था दी 
पढ़े निर्गमन 15:26.  परमेश्वर की आज्ञा  मानना तथा बीमारी के बीच क्या सम्बन्ध है
1. क्या इसका मतलब यह हुआ क्योंकि हमने पाप किया है इसलिए बीमार हुए? (शायद)
2. याकूब की पुस्तक हमको इस विषय के बारे में क्या सिखाती है? (याकूब के "दोस्तउससे से कह रहें हैं कि तुम परमेश्वर की बात नहीं मानते हो इसलिए बीमार हो तथा पीड़ा में होलेकिनहमे याकूब की पुस्तक के पहले पाठ    से  पता है कि परमेश्वर ने शैतान से कहा था कि याकूब "दोषरहित एवं धार्मिकवो मनुष्य जो परमेश्वर का भय खाता है तथा बुराई से दूर रहता है." याकूब 1:8.)
a. याकूब एवं निर्गमन 15:26 से  बीमारी की जड़ के बारे में क्या निष्कर्ष निकाले?(कभी कभी हम बीमार हो जाते है कि हमने परमेश्वर का अनुकरण  नहीं किया और कभी हम बीमार हो जाते हैं कि हमने परमेश्वर का अनुकरण कियाइसके अलावाहमारा सामान्य ज्ञान हमे बताता है कि कभी  कभी  हम बीमार हो जाते है क्योंकि हम पापी दुनिया में रहते है.)
3. निर्गमन 15:26. के  कुछ  अंतिम शब्द देखे." मै तुम्हारा चंगा करने वाला परमेश्वर हूँ." क्या परमेश्वर का हमारे स्वास्थय में प्रतिकूल तथा अनुकूल कोई सम्बन्ध है? ( ऐसा जान पड़ता है कि परमेश्वर कह रहा है कि मै रोगों को ठीक करने वाला हूँयह परमेश्वर के सामान्य गुण हैस्वास्थय की तरफ एक सकारात्मक रुखहालाँकिपरमेश्वर अवज्ञाकारी के ऊपर बीमारी भी लाता हैपरमेश्वर हमारे स्वास्थय में स्वाकारात्मक  एवं नकारात्मक दोनों रूप में शामिल है.)    
B. पढ़े यिर्मयाहा 7:22-23. क्या परमेश्वर लोगों को उसकी आराधना करने की आज्ञा दे सकता था? (बिलकुलइसी तरह लोग मूर्ति देखा करते थे)        
1. परमेश्वर ने हमारे लिए और क्या किया? (परमेश्वर केवल हमारी प्राथर्ना  नहीं मांग रहा हैपरमेश्वर हमारे साथ सम्बन्ध बनाना देख रहा हैपरमेश्वर चाहता है कि हमारा जीवन सुख पूर्वक जाएऔर इसी कारण से उसने इतनी सारे आदेश दिए हैंयह आज्ञापालन का सकारात्मक पक्ष  है, "उपचारात्मकपक्ष.)
2. हम बाइबिल में इसके क्या उधारण देखते है? (यदि तुम लैव्यवस्था के पाठ 11-15 को  सरसरी नजर से देखे तो यह पायेगे कि परमेश्वर ने मूसा को बहुत सारे नियम दिए थे जिससे लोग स्वस्थ्य एवं रोग मुक्त रह सके.)
C. पढ़े नीति वचन 3:7-8. अहंकार से दूर रहोपरमेश्वर से डरोबुराई से कन्नी काटोक्या प्रतक्ष्य रूप से  इनका स्वाथ्य एवं मजबूत हड्डियों से कोई सम्बन्ध है?(यह आत्मिक एवं प्राकर्तिक स्वास्थय में सम्बन्ध दिखाता हैऐसा लगता है कि यह परमेश्वर का विचार है कि हमारे ऊपर निर्णय अथवा परख के कारण बीमारी आईऔर उपचार आशीष की तरह आयेधार्मिकता एवं स्वास्थय के बीच में कोई सहज सम्बन्ध हैआज्ञाकारिता का स्वाभाविक परिणाम मजबूत एवं स्वस्थ्य शरीर है.)    
  IV. त्याग की प्रशंसा करे 
A. पढ़े रोमिओ 12:1. मैंने सोचा यीशु परमेश्वर का मेमना था जो हमारे पापों को ले जाने की खातिर मराहम क्यों त्याग करते हैं
1. चलो हम इस समस्या का हल खोज़ेहमारे त्याग करने का क्या कारण है? ( "परमेश्वर के विचार से दया." यह उस दया की तरफ इशारा है जो यीशु ने हमको हमारे पापों के लिए मर कर दिखाईउसके अनुनयाई होने के कारण हमे वो ही त्याग वाली प्रवर्ती दिखानी होगी.)  
2. हमारा बलिदान यीशु के बलिदान से किस प्रकार भिन्न है? (हम लोग एक  "जीवितबलिदान हैमै इसको "मृत्युबलिदान के ऊपर चुनुगा!)
3. यह कैसे आराधना है? ( हमारी आराधना का एक हिस्सा उस परमेश्वर के लिए है जिसने अपना जीवन हमारे लिए बलिदान कियाउसके लिए हम कुछ बलिदान करते है.)
4. अब यहाँ एक गूढ़ प्रश्न आता हैहम किस प्रकार के बलिदान की बात कर रहें हैतुम्हे इससे क्या समझ में आता है कि तुम अपना "शरीरएक "जीवित बलिदानकी तरह भेंट कर दो?"
B. पढ़े रोमिओ 12:2. यह पूर्व प्रश्न का क्या संभावित जवाब देता है?(हमारा "बलिदानपरमेश्वर की वसीयत के अनुरूप है नाकि दुनिया की इच्छानुसार.)
1. रोमिओ 12:1. हमारे शरीर को उल्लिखित करता है और यह हमारे दिमाग को हवाला देता हैक्या यह दोनों जीवित बलिदान में शामिल है? (निसंदेह:, इसमें प्राकृतिक अंश हैस्वस्थ्य शरीर परमेश्वर के लिए "बलिदानका एक सकारात्मक रूप दिखाता हैहमारे कार्य करने के ढंग हमारे दिमाग की प्रवर्ती के अनुसार होते हैहमे दिमाग एवं शरीरका पूर्ण रूप से बलिदान देने की आवश्यकता है!) 
2. क्या स्वस्थ्य इसका एक भाग है? (इसका समानान्तर नया दिमाग तथा नया शरीर लगता हैयह हमारी परमेश्वर  की पूर्ण आराधना  को प्रदर्शित करती है.) 
3. सभी प्रकार के लोग अपने शरीर की पूजा करते हैंयह हमारे जीवन का एक उद्देश्य हैक्या हमने यहाँ पर इसकी  चर्चा करी है? (लेख हमे दुनिया के अनुरूप चलने के बारे में चेतावनी देता है.इसके स्थान परहमारी दिमाग एवं शरीर से की गयी आराधना हमारे परमेश्वर की महानता दिखाती है.) 
C. दोस्तोंअगर तुमने स्वास्थ्य एवं धार्मिकता के बीच के सम्बन्ध के बारे नहीं सोचा हैअगर तुमने अपने शरीर के बारे में अपनी परमेश्वर की आराधना का एक हिस्सा समझ कर नहीं सोचा हैक्या तुम आज इसबारे में गौर करोगेआज क्यों नहीं वचनबद्ध हो जाओ और परमेश्वर से कहो की वो तुम्हारीदिमाग ही नहींपरन्तुतुम्हरे शरीर  को भी एक "जीवित बलिदानबनाने में सहायता करे?

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