Tuesday, June 7, 2016

बुरे सपनों का सामना कैसे करें

अयूब की पुस्तक से हमें पता चलता है कि कुछ समय के लिए परमेश्वर ने उसे शैतान के हवाले कर दिया था और उसे बुरे सपनों और घोर कष्ट का सामना करना पड़ा.
पढ़ें - अयूब  7 :13-14
जब जब मैं सोचता हूं कि मुझे खाट पर शान्ति मिलेगी, और बिछौने पर मेरा खेद कुछ हलका होगा;
तब तब तू मुझे स्वप्नों से घबरा देता, और दर्शनों से भयभीत कर देता है;
शैतान की ओर से दिखाए गए स्वप्न दिल को ठेस पहुँचाने वाले, मन को दुखी करने वाले, सताव  देने वाले जीवन पर चोट करने वाले, सम्बन्धो को हिलाने वाले, मन को भटकाने वाले, गलत इच्छा जगाने वाले, और क्रोध को भड़काने वाले होते हैं.
शैतान हमेशा हमें कुछ सत्य बता कर या दिखा कर भ्रमित कर देता है, यही उसकी चाल है. इसलिए हमेशा जब शत्रु स्वप्न में हमें पूरी तरह भ्रमित कर दे तो हम परमेश्वर की ओर भागे
पढ़े - रोमियों 8 : 1
सो अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दण्ड की आज्ञा नहीं: क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं वरन आत्मा के अनुसार चलते हैं।
हमें अवश्य ही ये बोलना है कि मसीह येशु में हमें दण्ड की आज्ञा नहीं है I हम येशु के लहू से ढकें हैं ।
दुःस्वप्न क्यों आतें हैं
हमारे विश्वास को कमज़ोर करने के लिए
भयभीत करने के लिए
बीते समय की गलतियों को थोपने के लिए
सताने के लिए
धमकाने के लिए
बहकने के लिए
हमारी इच्छा में हेर-फेर करने के लिए
हमारे निर्णय को बदलने के लिए
परमेश्वर और हमारे रिश्ते को कमज़ोर बनने के लिए
इसलिए ज़रूरी है कि हम उस स्थिति से येशु के नाम से  युद्ध  करें और प्रभु की शांति को स्थापित करके ही फिर सोएं. बुरे स्वप्नों को येशु मसीह के नाम पर खंडित कर दें.
अगर ऐसा करने में आप अपने आप को असमर्थ पातें है तो पवित्र आत्मा से प्रार्थना करें कि वह आपको सपना देखते समय याद दिलाएं.
एक बात आप अवश्य जानें कि येशु का नाम और उसका लहू हमारे लिए एक भरी भरकम शस्त्र है.
दुःस्वप्न का दरवाज़ा कैसे खुलता है ?
आसान है परमेश्वर ने शैतान को अनुमति दी है
ऐसा क्यों?
हम परमेश्वर में तमाम दुष्ट ताकतों को अपने पैरों तलें रौंदने  के लिए बुलाएँ गएँ हैं
हमारे जीवन जीने के तरीकों ने दुष्ट के लिए दरवाज़ा खोल दिया है।
अच्छा हो हम अपने आप को पहचाने और पश्चाताप करें और परमेश्वर की ओर खिंच जाएँ।
अवश्य जानें जहाँ एक ओर शैतान अपनी इन चालों से हमें निराश करने की कोशिश कर रहा है वहीँ परमेश्वर
इन्हे हमारे जीवन में घुसने की  परमिशन देता है ताकि हम बढ़ सकें अपने शत्रु को जीत सकें।
हम अन्त दिनों की ओर जा रहें हैं जो दुष्ट हैं वो अति दुष्टता की ओर, फिर सोंचो जो परमेश्वर से प्रेम करने वाला है उसे तो वे अपशब्द-श्राप वचन बोलेंगे।
ऐसे में रात 12 से सुबह 3 का समय हमारी फाइट का समय हो जाता है।
इसलिए नींद पर अपना अधिकार लो और जो दुष्ट योजना आपके जीवन  या परिवार के लिए भेजी गयी है उसे येशु के नाम पर नष्ट कर दो।
अपने जीवन को परमेश्वर के वचन के अनुसार काबू करने  वाले बनो
पढ़ो - 1. प्रकाशित वाक्य 21 :6 - 8
फिर उस ने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा। 7 जो जय पाए, वही इन वस्तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा। 8 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है॥
पढ़ो - 2. रोमियों 12 :21
 बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो॥
पढ़ो - नीतिवचन 3 :24
24 जब तू लेटेगा, तब भय न खाएगा, जब तू लेटेगा, तब सुख की नींद आएगी।
पढ़ो - 3. यिर्मयाह 31 : 26
26 इस पर मैं जाग उठा, और देखा, ओर मेरी नीन्द मुझे मीठी लगी।
जब हम परमेश्वर की इच्छा के विरोध में चलते है तब हम शैतान के लिए दरवाज़ा खोल देतें हैं।
कैसे जानें ?
 जब हमारी सोंच दूषित हो प्रेरितों के काम 24:16
 जब हम अपने व्यवहार के कारण  शैतान को मौका दे देतें हैं की वह हमारे विरोध में बोले
जब हम अपनी पसंद को प्राथमिकता देतें हैंऔर संदेह करते है  रोमियों 14 :23
जानबूझ कर किया गया पाप परमेश्वर की सुरक्षा की दीवार  हटा देता है
जब हम ऐसा मनोंरंजन देखना पसंद करें जो हिंसक या कामुक हो यशायाह 33 :15 -16
जब हम अपनी आँखों को वश में न रखें मत्ती 6: 22 -23
जब हम बुरी खबर पर विश्वाश करें  नीतिवचन 11 :27
जब हम माफ़ न करें  मत्ती 18 :34 -35
धोखे और चेतावनी देने वाले स्वप्न
एक बार चर्च की एक महिला मेरे पास आई और बोली कि  मैंने सपने में देखा कि  मेरे पडोसी की मृत्यु हो गयी।  मुझे लगा कि  मैं अवश्य उसे बता दूँ  ताकि वो येशु को अपना ले और उसके प्राण बच जाएँ। लेकिन जब मैं उसके घर गयी और उसे बताया की वह मरने वाली है वह और उसका पति मुझसे काफी गुस्सा हो गए और कहा कि मैं उनके घर न आया करूँ।
उसने मुझसे पुछा ऐसा क्यों हुआ कि परमेश्वर ने दिखाया पर वह तो अभी तक ज़िंदा है ।
इसके लिए मेरे पास एक ही जवाब है - अच्छा हो कि हम इन विषयों के लिए प्रार्थना करें न कि उन्हें ऐसा बताएं।
हम परमेश्वर की इच्छा उसकी मर्ज़ी को बोले न की शैतान की मर्ज़ी को।
पढ़ें - 1 थिस्लिनिकियों 5 :8 -10
धोखे के सपनों पर विश्वास
बहुत से ऐसे विश्वासी है जो परमेश्वर द्वारा दिखाए या शैतान द्वारा दिखाए गए सपनों का अंतर नहीं समझ पातें है और धोखे का शिकार हो जातें हैं।
परमेश्वर शांति का परमेश्वर है और शैतान भय उत्पन्न करने वाला।  इसलिए भय में नहीं बल्कि परमेश्वर के वचन में विशवास करो जो चाहता है कि  हममें से कोई भी नष्ट न हो बल्कि सब परमेश्वर को जानने वाले हों।
परमेश्वर के वचनों को अपने दिल में बिठा लो
अच्छा हो अपना फोकस शैतान और उसकी योजनाओं पर से हटा लोऔर बुराई को भलाई से जीतो।
यिर्मयाह 29 :10 -12
11 क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि  की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा।
12 तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूंगा।
अमीन 

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